khabar24x7news 24,2025
मुस्कान सिंह
फेसम क्रिकेटर संग सुपरस्टार हीरोइन ने किया था डेब्यू, अजीब बीमारी ने छीन ली शोहरत, 3 दिन तक सड़ती रही लाश
बॉलीवुड की सबसे खुबसूरत और टैलेंटेड एक्ट्रेसेज में शुमार एक हसीना का अंत ऐसा हुआ जिसके बारे में कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता था। शोहरत के शिखर पर पहुंचकर इस हसीना को एक ऐसी बीमारी हुई कि इसने न सिर्फ करियर बर्बाद किया, बल्कि पर्सनल लाइफ भी तबाह कर दी।
बॉलीवुड की सबसे बोल्ड, बेबाक और ग्लैमरस हीरोइन की बात जब होगी तो 70 और 80 के दशक की एक हीरोइन का नाम टॉप पर लिया जाएगा। स्क्रीन पर धड़ल्ले से सिग्रेट के कश लेने वाली, शराब के ग्लास संग पोज देने वाली, बिकिनी लुक्स से लोगों को हैरान करने वाली ये हसीना चंद फिल्मों में नजर आने के बाद ही सबसे फेमस हीरोइन बन गई थी। ये कोई और नहीं बल्कि 1954 में गुजरात में जन्मी परवीन बॉबी हैं, जो भारतीय सिनेमा की अब तक की सबसे बेहतरीन अभिनेत्रियों में से एक थीं। अपने निधन के दो दशक बाद भी वह सुर्खियों में बनी रहती हैं, चाहे उनकी मशहूर फिल्मों के लिए हो या उनके सदाबहार फैशन सेंस के लिए जो आज भी पीढ़ियों को प्रेरित करते हैं।
इस फिल्म से किया था डेब्यू
परवीन बॉबी ने क्रिकेटर सलीम दुर्रानी के साथ ‘चैत्र’ (1973) से अपनी फिल्मी शुरुआत की। हालांकि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही, लेकिन उनके अभिनय ने कई फिल्म निर्माताओं का ध्यान आकर्षित किया। उन्हें 1975 में आई ‘दीवार’ से सफलता मिली, जिसने बॉलीवुड में एक अग्रणी महिला के रूप में उनकी स्थिति को और मजबूत किया। अपने करियर में अपार सफलता हासिल करने के बावजूद परवीन बॉबी की निजी जिंदगी अक्सर विवादों से घिरी रही। कबीर बेदी और बाद में महेश भट्ट को डेट करने से पहले वह चार साल तक डैनी डेन्जोंगपा के साथ रिलेशनशिप में रहीं। एक मुस्लिम परिवार में जन्मी परवीन बॉबी ने साल 1990 के दशक के अंत में ईसाई धर्म अपना लिया।
इस बीमारी ने किया सब खराब
अपनी शानदार सफलता के बावजूद साल 1980 के दशक की शुरुआत में परवीन की जिंदगी ने एक दुखद यूटर्न लिया। उनमें पैरानॉयड सिजोफ्रेनिया के लक्षण दिखने लगे, जो एक गंभीर मानसिक बीमारी है जिसमें अजीब व्यवहार, चिड़चिड़ापन और सार्वजनिक जीवन से धीरे-धीरे दूर होना शामिल है। परवीन बाबी के पैरानॉयड सिजोफ्रेनिया ने न केवल उनके करियर को बल्कि उनके व्यक्तिगत संबंधों को भी बर्बाद कर दिया। उन्होंने भारत छोड़ दिया और अमेरिका में शांति की तलाश की, जहां वे अपने आध्यात्मिक गुरु के मार्गदर्शन में कुछ सालों तक रहीं। अपने अंतिम सालों के दौरान परवीन बाबी का स्वास्थ्य बिगड़ने लगा और वह अपने आस-पास के सभी लोगों पर शक करने लगीं।
इस बीमारी ने किया सब खराब
अपनी शानदार सफलता के बावजूद साल 1980 के दशक की शुरुआत में परवीन की जिंदगी ने एक दुखद यूटर्न लिया। उनमें पैरानॉयड सिजोफ्रेनिया के लक्षण दिखने लगे, जो एक गंभीर मानसिक बीमारी है जिसमें अजीब व्यवहार, चिड़चिड़ापन और सार्वजनिक जीवन से धीरे-धीरे दूर होना शामिल है। परवीन बाबी के पैरानॉयड सिजोफ्रेनिया ने न केवल उनके करियर को बल्कि उनके व्यक्तिगत संबंधों को भी बर्बाद कर दिया। उन्होंने भारत छोड़ दिया और अमेरिका में शांति की तलाश की, जहां वे अपने आध्यात्मिक गुरु के मार्गदर्शन में कुछ सालों तक रहीं। अपने अंतिम सालों के दौरान परवीन बाबी का स्वास्थ्य बिगड़ने लगा और वह अपने आस-पास के सभी लोगों पर शक करने लगीं।
मौत के बाद सड़ गई थी लाश
20 जनवरी 2005 को परवीन बाबी अपने मुंबई अपार्टमेंट में मृत पाई गईं। कूपर अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया, जिसमें उनकी मृत्यु का कारण कई अंगों का खराब हो जाना बताया गया। उनकी मृत्यु के तीन दिन बाद उनका शव मिला। इस दौरान उनकी लाश सड़ गई थी और बदबू के चलते कमरा तोड़कर उनके शव को निकाला गया था। कथित तौर पर अभिनेत्री की अंतिम इच्छा ईसाई रीति-रिवाजों के अनुसार दफनाए जाने की थी, लेकिन उनके मुस्लिम रिश्तेदारों ने उनके शव का दावा करते हुए उन्हें इस्लामी परंपराओं के अनुसार दफनाने का फैसला किया।