khabar24x7news 25,2025
मुस्कान सिंह
असदुद्दीन ओवैसी बोले-‘सिंधु जल संधि सस्पेंड करना अच्छा फैसला, लेकिन पानी कहां रखेंगे’? कश्मीरियों को लेकर कही ये बात
केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भाग लेने के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि केंद्र सरकार उस देश के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है जो आतंकी समूहों को पनाह देता है।
नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भाग लेने के बाद एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। साथ ही उन्होंने सिंधु जल संधि को निलंबित करने के सरकार के फैसले की सराहना की। उन्होंने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा लिए गए निर्णयों की सराहना की। ओवैसी ने कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया है, लेकिन हम पानी कहां रखेंगे? केंद्र सरकार जो भी निर्णय लेगी, हम उसका समर्थन करेंगे। यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है।
पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन की मांग
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि केंद्र सरकार आतंकवादी समूहों को पनाह देने वाले देश के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। अंतरराष्ट्रीय कानून हमें पाकिस्तान के खिलाफ आत्मरक्षा में हवाई और नौसैनिक नाकाबंदी करने और हथियारों की बिक्री पर पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने की भी अनुमति देता है।
कश्मीरियों और कश्मीरी छात्रों के खिलाफ झूठा प्रचार बंद होः ओवैसी
ओवैसी ने कहा कि CRPF को बैसरन मैदान में क्यों नहीं तैनात किया गया? त्वरित कार्रवाई के लिए आर्मी को वहां पहुंचने में एक घंटा क्यों लगा। आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों को गोली क्यों मारी। कश्मीरियों और कश्मीरी छात्रों के खिलाफ झूठा प्रचार बंद होना चाहिए। जिस तरह से आतंकियों ने लोगों का धर्म पूछकर उनकी हत्या की, मैं उसकी निंदा करता हूं।
सर्वदलीय बैठक में कई दलों के नेता हुए शामिल
सर्वदलीय बैठक में केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, विदेश मंत्री एस जयशंकर, कांग्रेस अध्यक्ष, लोकसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) राहुल गांधी समेत अन्य प्रमुख नेता शामिल हुए। बता दें कि आतंकवादियों ने मंगलवार को पहलगाम के बैसरन मैदान में पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक मारे गए, जबकि कई अन्य घायल हो गए। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमलों में से एक था जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद गए थे।